बखरी विधानसभा


आज हम आपको लिए चलते हैं बेगूसराय जिले के बखरी विधानसभा क्षेत्र और जानते हैं आज के राजनीतिक स्थिति।बखरी एक सुरक्षित विधानसभा क्षेत्र है वर्तमान में राजद के उपेंद्र पासवान यहां से विधायक हैं।

संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के आदेश के अनुसार, 2008, संख्या 147 बखरी (विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र) निम्नलिखित से बना है: बखरी, डंडारी और गढ़पुरा सामुदायिक विकास खंड; नावकोठी सीडी ब्लॉक की पहसारा पूर्व), समसा  डफरपुर नावकोठी हसनपुर बागर, रजाकपुर, बिष्णुपुर,  ग्राम पंचायत
   बखरी इस विधानसभा का अनुमंडल मुख्यालय है और जिले का पुराना प्रखंड है।यह क्षेत्र सूबे के पिछड़े इलाकों में शुमार है और बाढ़ प्रभावित भी है।
इस विधानसभा में सीपीआई का मजबूत संगठन है अभी भी सीपीआई का गढ़ माना जाता है।अब तक के हुए चुनावों में 11 बार सीपीआई ने यहां से चुनाव जीता है।सीपीआई के राम विनोद पासवान यहां से 5 बार विधायक चुने गए पर 2010 के चुनाव में पार्टी द्वारा उम्मीदवार बदले जाने के निर्णय से नाराज होकर पार्टी छोड़ लोजपा में शामिल हो गए।2010 में रामविनोद पासवान ने लोजपा के टिकर पर चुनाव लड़ा। वर्षों से सीपीआई के विधायक रहने की वजह से सीपीआई समर्थकों का बड़ा तबका उनके साथ हो गए। 2010 में सीपीआई के बागी रामविनोद राजद के रामानंद राम के मुकाबले दूसरे नम्बर पर रहे और सीपीआई के नए नवेले सूर्यकांत तीसरे नम्बर पर खिसक गए तब से सीपीआई की स्थिति कमजोर होती जा रही है।सीपीआई के कमजोर होने की एक वजह परिसीमन को भी माना जाता है।नावकोठी प्रखंड के कुछ वाम प्रभाव वाली पंचायतों का चेरिया बरियारपुर विधानसभा से जुड़ जाने की वजह से यहां सीपीआई की स्थिति कमजोर हुई है।वैसे गत लोकसभा चुनावों में सीपीआई ने अच्छे खासे मत इस क्षेत्र से बटोरे थे।

                तेघड़ा का तेज 
             क्या बोले बछवाड़ा
अभी राजद के उपेंद्र पासवान यहां से विधायक हैं जो पिछले चुनाव में महागठबंधन की आंधी में विधायक बनने में सफल हुए।महागठबंधन के बने रहने की सूरत में इन्हें दुबारा टिकट मिलने की प्रबल सम्भावना है तो सीपीआई के सूर्यकांत पासवान की उम्मीदवारी भी 100 फीसदी पक्की है।
बखरी विधानसभा में हरबार की तरह सीपीआई,एन डी ए व महागठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला होगा अब बाजी कौन मारता है यह तो जनता जनार्दन के हाथों है।
वैसे विकास कार्यों की बात करें तो यह क्षेत्र बेगूसराय के पिछड़े इलाकों में एक है।एक महत्वपूर्ण बदलाव यह हुआ कि बखरी प्रखंड से अनुमंडल बन गया और इसके अंतर्गत नए प्रखंडों का सृजन हुआ। बखरी अनुमंडल सड़क और रेल दोनों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।क्षेत्र की आय का मुख्य जरिया खेती है और यहां की जमीन काफी उपजाऊ है।इसके कुछ इलाके बाढ़ की चपेट में भी आते हैं।बखरी का राजनीतिक महत्व इसलिये भी ज्यादा है कि इसके सटे अलौली विधानसभा में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का घर है।परिसीमन के पहले बेगूसराय जिले में दो लोकसभा क्षेत्र थे बेगूसराय एवं बलिया और अलौली विधानसभा बलिया लोकसभा का हिस्सा थी।इस वजह से बखरी विधानसभा में रामविलास पासवान की रुचि शुरू से रही है और उनका प्रभाव भी रहा है।
कोरोना महामारी से डरे सहमे लोग अभी चुनाव की चर्चाओं से बेखबर हैं।चर्चा चुनाव की तारीखों का बढ़ने की भी है सो चुनावी सरगर्मी भी घोषणा के बाद ही बढ़ेगी।
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