
हथिदह से माेकमा की ओर 100 किलाेमीटर रफ्तार से आ रही ईकाेस्पाेर्ट कार ने सड़क किनारे खड़े चार लाेगाें काे राैंद दिया। बुधवार की देर रात हथिदह थाने के दरियापुर में मेन राेड पर हुई इस घटना में दाे की माैत माैके पर हाे गई जबकि दाे बुरी तरह घायल हाे गए।
मरने वालाें में दरगाही टोला निवासी नरेश प्रसाद का 19 साल का बेटा सोनू कुमार और औंटा निवासी परमानंद महतो का 22 साल का बेटा आकाश कुमार शामिल हैं। औंटा वार्ड 12 का वार्ड सदस्य शैलेन्द्र महतो और बख्तियारपुर के करौटा का रंजीत कुमार घायल हैं।
साेनू ममेरी बहन की शादी की तैयारी में जुटा था जबकि आकाश इसी शादी में फाेटाे व वीडियाेग्राफी करने आया था। शादी गुरुवार काे हाेने वाली थी पर साेनू की माैत के बाद शादी गांव से नहीं हाे रही है। ग्रामीणाें ने कहा-चालक व उस कार पर सवार तीन लाेग शराब के नशे में धुत थे।
बहन की डाेली उठने से पहले भाई की अर्थी उठ गई, चालक व कार सवार भागे
हथिदह से माेकामा की ओर तेज रफ्तार से आ रही कार ने सड़क किनारे खड़े चार लाेगाें काे राैंद दिया। बुधवार की देर रात हथिदह थाना के दरियापुर में मेन राेड पर हुई इस घटना में दाे की माैत माैके पर हाे गई जबकि दाे लोग बुरी तरह घायल हाे गए। मरने वालाें में दरगाही टोला का सोनू कुमार और औंटा का आकाश कुमार के नाम शामिल हैं जबकि घायलाें में औंटा वार्ड 12 का वार्ड सदस्य शैलेन्द्र महतो और बख्तियारपुर के करौटा का रंजीत कुमार है।
दरअसल बुधवार की रात मंडप व हल्दी कलश की रस्म पूरी हो रही थी पर वीडियोग्राफी के लिए कैमरामैन आकाश नहीं पहुंच सका था। इसी वजह सोनू अपने चार- पांच साथियों के साथ सड़क किनारे खड़े होकर कैमरामैन के आने का इंतजार कर रहे थे। थोड़ी देर में ही आकाश अपने एक सहयोगी के साथ बाइक से पहुंचा। उसने सड़क किनारे बाइक खड़ी कर दी और जैसे ही सभी लोग ग्रामीण सड़क की ओर बढ़े।
हथिदह से माेकामा की ओर जा रही कार ने चार लाेगाें काे राैंद दिया। घटना के बाद चालक कार काे तेजी से ले भगाने के चक्कर में था पर सड़क किनारे खड़ी आकाश की बाइक काे धक्का मार दिया और वह बाइक कार में फंस गई। बावजूद चालक ने कार नहीं राेकी और 200 मीटर तक घसीट दिया। कार पर चार लाेग सवार थे। ग्रामीणाें ने खदेड़ कर कार काे पकड़ लिया।
ननिहाल में रहता था फूफेरा भाई, पिता दिव्यांग
सोनू की मां की मौत उसके बचपन में ही हो गयी थी। इस वजह से वह दरियापुर स्थित ननिहाल में रहता था। सोनू के पिता दिव्यांग हैं, जिसको लेकर एक सगी छोटी बहन की भी जिम्मेवारी सोनू पर थी। ग्रामीणों ने बताया कि वह ममेरी बहन की शादी को लेकर काफी उत्साहित था। वह कई दिनों से शादी की तैयारी में जुटा था। पर होनी को कुछ और ही मंजूर था।
बहन की डोली से पहले ही भाई की अर्थी उठ गयी। लोग सोनू के परिवार के भाग्य को कोस रहे थे। हल्दी की रस्म से पहले सोनू शाम में गांव की महिलाओं के साथ गंगा घाट जलभरी के लिए भी गया था। इस हादसे के बाद सोनू के मामा नागेश्वर महतो का रो-रोककर बुरा हाल था। उन्होंने सोनू को बेटे की तरह पाला था। उसकी मौत के बाद परिवार के लोगों पर दुख का पहाड़ टूट पड़ा है।
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