बेलदौर का दौरा

खगड़िया और सहरसा जिले की सीमा से सटा बेलदौर विधानसभा परिसीमन के पूर्व चौथम विधानसभा कहलाता था।150 बेलदौर (विधानसभा क्षेत्र) निम्नलिखित से बना है: बेलदौर और चौथम सामुदायिक विकास खंड;  गोगरी सीडी ब्लाक की बन्नी, झिटकिया, समसपुर, महेशखूंट, पखरेल, मायरा, बलतारा, पवरा, कोएला और बोरना ग्राम पंचायतें।


इस क्षेत्र से जदयू के पन्नालाल पटेल ने 2005 से ही कब्जा बरकरार रखा है।बेलदौर और पूर्व के चौथम विधानसभा में हमेशा त्रिकोणीय मुकाबले होते रहे हैं।सीपीआई का इस क्षेत्र में मजबूत जनाधार था हाल ही में दिवंगत हुए सीपीआई के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह इस क्षेत्र से 1990 व 1995 के चुनावों में विधायक चुने गए थे।बेलदौर विधानसभा की भौगोलिक बनावट इसे काफी दुरूह बना देती है क्योंकि यह कोशी नदी के दोनों तरफ की पंचायतों से मिलकर बना है।इस विधानसभा में कोयरी मतदाताओं की बहुलता है।
बेलदौर एक बाढ़ प्रभावित इलाका है और कुछ वर्ष पहले तक यातायात की सुविधा की कमी थी।डुमरी घाट पर कोशी नदी पर पल बनने से यह क्षेत्र अब जिला मुख्यालय से सड़क  
यातायात से सीधा जुड़ गया है।वैसे तो यह क्षेत्र पिछड़ा हुआ रहा है। फरकिया के नाम से जाना जाने वाला विशाल मैदानी भूभाग भी इसी विधानसभा का हिस्सा है।फरकिया में कभी बाहरी जमींदारों की जमीनें हुआ करती थी उन जमींदारों के खिलाफ छोटे व भूमिहीन किसानों  का आंदोलन यहां जोरों से चला था ।स्व बी के सिंह आज़ाद,स्व कृष्णकांत सिंह व दिवंगत सत्यनारायण सिंह की तिकड़ी ने लंबे भूमि संघर्ष के पश्चात सैंकड़ों एकड़ फाजिल जमीन भूमिहीनों को दिलवाई।इसी आंदोलन का प्रतिफल ही था कि कॉम सत्यनारायण सिंह इस क्षेत्र से दो दो बार विधायक रहे।वो हर चुनाव में मजबूत प्रतिद्वंद्वी के तौर पर मुकाबले में रहे।1990-95 के बाद जब लालू व नीतीश के सामाजिक न्याय की बयार में धीरे धीरे सीपीआई का जनाधार खिसकता गया।
इसबार के चुनाव में यह सीट जदयू के पास ही रहेगी यह तो निश्चित है।महागठबंधन से कौन उम्मीदवार होगा यह अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है।

एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने