
राजधानी से सटे दानापुर स्थित आनंद बाजार के राजा साह और उनकी पत्नी रेखा देवी के जीवन में रोशनी पहुंची है। सूरज सब्जी बेचकर गुजरा करने वाले राजा साह और उनकी पत्नी रेखा देवी का 12 वर्षीय बेटा है, जो 7 वर्ष पहले उनसे बिछड़ गया था।
राजा और रेखा मूल रूप से सोनपुर स्थित पहलेजा के रहने वाले हैं। सात साल पहले दोनों काम की तलाश में बच्चों के साथ नोएडा गए थे। उस वक्त सूरज महज 5 वर्ष का था। एक दिन रेखा सूरज को लेकर बाजार गई, जहां भीड़ में वह मां से बिछड़ गया। उसे रोता देख निकट के स्टेशन पर पहुंचा दिया गया था।
पर पुलिस से डरकर वह भाग निकला। फिर उसे किसी ने गाजियाबाद स्थित शेल्टर होम पहुंचा दिया। काफी तलाश के बाद जब बेटा नहीं मिला तो राजा और रेखा वापस दानापुर लौट आए। बेटे की तलाश के लिए वे कई बार नोएडा गए, पर सफलता नहीं मिली। भास्कर ने सूरज की तस्वीर के साथ एक खबर प्रकाशित की, जिसे देखकर किसी ने रेखा को जानकारी दी।
जांच के दौरान इंस्पेक्टर की सूरज पर पड़ी थी नजर
सूरज 7 वर्षों से यूपी के गाजियाबाद स्थित शेल्टर होम में रह रहा था। कुछ दिन पहले नोएडा एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के इंस्पेक्टर देवेंद्र सिंह किसी मामले की जांच के लिए शेल्टर होम गए थे। नजर पड़ने पर बच्चे से पूछा तो उसने खुद को दानापुर का रहने वाला बताया।
पिता का नाम राजा और मां का रेखा देवी बताया। इसके बाद इंस्पेक्टर देवेंद्र ने सूरज को उसके माता-पिता तक पहुंचाने की ठान ली। देवेंद्र ने नंबर पता कर पटना स्थित दैनिक भास्कर के संवादददाता से बात कर पूरी बात बताई, जिसके बाद फोटो सहित खबर प्रकाशित की गई। यही खबर मां-बेटे के मिलने का जरिया बना।
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