
कोरोना काल में पूर्व मध्य रेल की कई रेल परियोजनाओं को रफ्तार मिली, लेकिन दीघा-सोनपुर रेल लाइन के डबलिंग का काम अब भी अधूरा है। इसे दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन अबतक दीघा ब्रिज तो दूर, एलिवेटेड वायाडक्ट पर गर्डर चढ़ाने का काम भी पूरा नहीं हो सका है। वायाडक्ट पर 45 गर्डर चढ़ाए जाने हैं। अबतक 31 गर्डर ही चढ़ाए जा सके हैं। पूर्व मध्य रेल के सीपीआरओ राजेश कुमार ने बताया कि डबलिंग प्रोजेक्ट के पूरा होने की समय सीमा 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
दीघा ब्रिज के डबलिंग का काम चल रहा है। फिलहाल दीघा साइड से एलिवेटेड वायाडक्ट पर गर्डर चढ़ाया जा रहा है। कुल 45 गर्डर चढ़ाए जाने हैं। इसके बाद पटरियां बिछाई जाएंगी। दीघा ब्रिज पर रेलवे लाइन के दोहरीकरण के बाद एक साथ दो ट्रेनें चल सकेंगी। पहले फेज में पाटलिपुत्र स्टेशन से पहलेजा तक करीब सात किलोमीटर ट्रैक का दोहरीकरण की योजना है।
डबल ट्रैक होने के बाद पाटलिपुत्र जंक्शन पर ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। दीघा रेल पुल पर बिछने वाली पटरियाें की क्षमता 60 केजी होगी। अबतक मंडल में इससे ज्यादा क्षमता वाला ट्रैक कहीं नहीं है। इसकी पटरियां ज्यादा मजबूत हैं। इस पर 130 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से ट्रेन चल सकती है। दीघा रेल पुल पर डबल ट्रैक बिछने के बाद रेल पुल पर ट्रेन की रफ्तार बढ़ जाएगी। इससे क्रॉसिंग के लिए इंतजार नहीं करना हाेगा।
डबलिंग होने से लोगों को होगा फायदा
पाटलिपुत्र जंक्शन से करीब तीन किलोमीटर दूरी पर स्थित दीघा हाल्ट पर अभी सिंगल लाइन होने के कारण एक ही प्लेटफॉर्म है। डबल ट्रैक होने के बाद उसी हॉल्ट पर एक प्लेटफॉर्म और बनेगा। साथ ही पाटलिपुत्र जंक्शन पर दो और प्लेटफॉर्म बनाने का काम चल रहा है।
दो और प्लेटफॉर्म बनने के बाद पाटलिपुत्र में पांच प्लेटफॉर्म हो जाएंगे। पाटलिपुत्र जंक्शन और पहलेजा के बीच ट्रैक दोहरीकरण होने के बाद यात्रियों को यह सुविधा मिलेगी। उत्तर बिहार के लोगों का पटना आना-जाना और आसान हो जाएगा। ट्रेनों की संख्या बढ़ जाएगी और समय पालन बेहतर होगा।
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