मुजफ्फरपुर और कोलकाता के 4 हवाला कारोबारियों के खिलाफ चार्जशीट दािखल

प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मुजफ्फरपुर और कोलकाता के चार हवाला कारोबारियों के खिलाफ गुरुवार को पटना में पीएमएलए की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दिया। ईडी ने इस मामले में जब्त की गई 4.61 करोड़ की चल अचल संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व और प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडिंग एक्ट के तहत सजा दिलाने के लिए चारों आरोपियों मुजफ्फरपुर के व्यवसायी राजकुमार गोयनका, अशोक कुमार गोयनका, रतन कुमार गोयनका और कोलकाता के पंकज अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। राजकुमार गोयनका और पंकज अग्रवाल को ईडी ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था। दोनों अभी बेउर जेल में हैं।
नोटबंदी के दौरान बैंकिंग चैनल का किया इस्तेमाल
ईडी के अनुसार नोटबंदी के दौरान इन लोगों पर बैंकिंग चैनल का हवाला कारोबार के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। ईडी के अनुसार मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने में 22 दिसम्बर 2016 को दर्ज मामले के आधार पर जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई की राजकुमार गोयनका और उनके भाइयों ने फर्जीवाड़ा कर अपने कर्मचारियों के नाम,फोटो और दस्तावेज का इस्तेमाल कर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया।

फिर बिना कर्मचारियों की जानकारी के उन खातों के जरिये मोटी रकम का ट्रांजेक्शन किया। इस दौरान कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई आदि शहरों में बैठे लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए। इसके जरिए करीब 25.80 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में जमा किए गए। इस मामले में ईडी ने राजकुमार गोयनका और पंकज अग्रवाल के आवासीय व व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।



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प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) ने मुजफ्फरपुर और कोलकाता के चार हवाला कारोबारियों के खिलाफ गुरुवार को पटना में पीएमएलए की विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दिया। ईडी ने इस मामले में जब्त की गई 4.61 करोड़ की चल अचल संपत्ति के पूर्ण स्वामित्व और प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंडिंग एक्ट के तहत सजा दिलाने के लिए चारों आरोपियों मुजफ्फरपुर के व्यवसायी राजकुमार गोयनका, अशोक कुमार गोयनका, रतन कुमार गोयनका और कोलकाता के पंकज अग्रवाल के खिलाफ चार्जशीट फाइल की है। राजकुमार गोयनका और पंकज अग्रवाल को ईडी ने 22 सितंबर को गिरफ्तार किया था। दोनों अभी बेउर जेल में हैं।
नोटबंदी के दौरान बैंकिंग चैनल का किया इस्तेमाल
ईडी के अनुसार नोटबंदी के दौरान इन लोगों पर बैंकिंग चैनल का हवाला कारोबार के लिए इस्तेमाल करने का आरोप है। ईडी के अनुसार मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा थाने में 22 दिसम्बर 2016 को दर्ज मामले के आधार पर जांच शुरू की गई थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई की राजकुमार गोयनका और उनके भाइयों ने फर्जीवाड़ा कर अपने कर्मचारियों के नाम,फोटो और दस्तावेज का इस्तेमाल कर विभिन्न बैंकों में खाता खुलवाया।

फिर बिना कर्मचारियों की जानकारी के उन खातों के जरिये मोटी रकम का ट्रांजेक्शन किया। इस दौरान कोलकाता, दिल्ली, मुम्बई आदि शहरों में बैठे लोगों को पैसे ट्रांसफर किए गए। इसके जरिए करीब 25.80 करोड़ रुपए विभिन्न खातों में जमा किए गए। इस मामले में ईडी ने राजकुमार गोयनका और पंकज अग्रवाल के आवासीय व व्यावसायिक ठिकानों पर छापेमारी भी की थी।



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